राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने चित्तौड़गढ़ के गंगरार स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री रैकेट का भंडाफोड़ किया है। मंत्री मीणा को सूचना मिली थी कि यहां कृषि डिप्लोमा और बीएससी की डिग्रियां दो घंटे की पढ़ाई जारी करके और परीक्षा बिना सही जवाब के पास कराकर बांटी जा रही हैं। इस पर मंत्री ने अपनी टीम के साथ बिना सूचना यूनिवर्सिटी पर अचानक छापा मारा।
मंत्री ने छात्रों से सीधे बातचीत की और एक छात्र के खुलासे पर पता चला कि न तो क्लास अटेंड करनी पड़ी और न ही पढ़ाई कराई गई, लेकिन ₹50,000 देकर फर्स्ट डिवीजन में उत्तीर्ण कराकर डिग्री दे दी गई। यूनिवर्सिटी की मान्यता को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं। मंत्री ने कहा कि ये “डिग्रियां नहीं कागज के टुकड़े” हैं और एसओजी (Special Operations Group) की कार्रवाई से वे नाराज हैं क्योंकि पिछले साल हुई जांच अधूरी रही और रैकेट अभी भी जारी है।
डॉ. मीणा ने एसओजी को चेतावनी देते हुए कहा है कि अब ऐसा नहीं चलेगा, और इस मामले की आगे की जांच कृषि विभाग करेगा। इस कार्रवाई से विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है और शिक्षा व्यवस्था की प्रतिष्ठा पर सवाल उठे हैं।
किरोड़ी लाल मीणा क्यों भड़के on Mewat University: संक्षेप में
- मेवाड़ यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री रैकेट चल रहा है।
- डिग्रियां बिना उचित पढ़ाई और परीक्षा के दी जा रही हैं।
- मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने इस भ्रष्टाचार का खुलासा किया।
- एसओजी की पिछली जांच अधूरी रह गयी, पर मंत्री नाराजगी जताते हुए खुद आगे की जांच कराएंगे।
- मंत्री ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है और इसे education scam के रूप में देखा जा रहा है।
यह विवाद इसी कारण भड़क गया है कि मंत्री ने इसे गंभीर भ्रष्टाचार और शिक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ बताकर सीधे कार्रवाई की, साथ ही एसओजी की अधूरी जांच पर एकदम साफ़ कहा कि अब यह “कागज के टुकड़े” जैसी डिग्रियां चलने नहीं देंगी।
